Dira Dharti

ओरिजनल नर्मदेश्वर शिवलिंग की पहचान

April 14, 2023

7:12 am

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ओरिजनल नर्मदेश्वर शिवलिंग-

माँ नर्मदा के तल से प्राप्त शिवलिंग ओरिजनल  नर्मदेश्ववर शिवलिंग होते है सभी शिवलिंगों में सबसे सर्वश्रेष्ट शिवलिंग नर्मदेश्वर शिवलिंग है| | क्युकी माँ नर्मदा ही भारत की एक ऐसी नदी है| जिसका हर कंकर शंकर के रूप में पूजा जाता है| क्युकी नर्मदा को भगवान शंकर का वरदान प्राप्त है की नर्मदा से निकलने वाला हर  कंकर शिव के रूप में पूजा जायेगा| जिसको किसी भी प्रकार की प्राण-प्रतिष्टा की आवशयकता नही होती

जिन्हें हम नर्मदा से लाकर सीधे अपने घर या  मंदिर  में स्थापित कर सकते है |माँ नर्मदा से प्राप्त शिवलिंग  को विशेष गुणों वाला शिवलिंग बताया गया है| जिनसे सकारात्मक ऊर्जा का परवाह होता रहता है जो अत्यंत पवित्र और पावन होते है| जिनको घर में स्थापित करने से भगवान भोले नाथ प्रसन्न होते है तथा  सभी मनोकामनाए पूर्ण  करते है | नर्मदा से प्राप्त शिवलिंग अनेक आकार ,प्रकार ओर रंगों  में पाए जाते है| पहले नर्मदा में पाए जाने वाले शिवलिंग पूर्ण रूप से शिवलिंग के आकार के होते थे, परन्तु अब नर्मदा में बांधों का निर्माण होने से नर्मदा का बहाव धीमी गति का हो गया है|

जिसके कारण यह शिवलिंग पूरी तरह से  प्राकृति शिवलिंग के रूप मे नहीं होते है|  जिन्हे जलहारी पर स्थापित नहीं किया जा सकता है| इसलिए  नर्मदा के तल से निकलने वाले  पत्थरों  को मशीनों  द्वारा तराशकर  कारीगर  पत्थरों  को शिवलिंग का आकार प्रदान करते है जिन्हें हम जलहरी पर स्थापित कर सकते है| नर्मदा से प्राप्त   ओरिजनल नर्मदेश्वर शिवलिंग को तराशने पर  उनमे अनेक प्रकार की आकृतिया उभर अति है | जैसे ॐ की आकृति , तिलक की आकृति, गणेश जी की आकृति अर्धनरेश्वर शिवलिंग कीआकृति ऐसी  अनेक प्रकार की आकृतिया उभरती है जिन्हें हम ओरिजनल नर्मदेश्वर शिवलिंग कहते है|  ओरिजनल नर्मदेश्वर शिवलिंग को जो भक्त अपने घर स्थापित करते है भगवान उनकी सभी मनोकामनाए पूरी करते है

ओरिजनल नर्मदेश्वर शिवलिंग की पहचान – Identification of the original Narmadeshwar Shivling

माँ नर्मदा की गोद से प्राप्त सभी ओरिजनल नर्मदेश्वर शिवलिंग भगवान भोलेनाथ का साक्षात स्वरूप है| ओरिजनल नर्मदेश्वर शिवलिंग मे ब्रह्मांड की समस्त ऊर्जा निहित है जो स्रजन ओर नाश  दोनों ही कर सकते है शिवलिंग माता  पार्वती ओर भोले नाथ का स्वरूप भी माना जाता है क्युकी शिवलिंग भगवान भोलेनाथ ओर जलहरि माता पार्वती मानी जाती है| जिनसे समस्त  जगत का संचालन होता है| सभी शिवलिंग भगवान भोले नाथ का ही स्वरूप  होते है परंतु ओरिजनल नर्मदेश्वर शिवलिंग मे एक अलग प्रकार की शक्ति निहित रहती है आप ओरिजनल नर्मदेश्वर शिवलिंग को स्पर्श कर के भी पहचान सकते है इन्हे हाथ मे रखने पर हमे ऊर्जा का आभास होता है  तथा ये  देखने में चमकदार और छेद रहित चिकने होते है

ओरिजनल नर्मदेश्वर शिवलिंग घर मे स्थापित करने के नियम –

  • घर में ज्यादा बड़े आकार का शिवलिंग नहीं रखना चाहिेए बल्कि छोटा शिवलिंग स्थापित करना चाहिए। शिवलिंग की लंबाई 4 इंच या व्यक्ति के हाथ के अंगूठे के ऊपर वाले पोर से ज्यादा बड़ी नहीं होनी चाहिए।
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार चूंकि शिवलिंग से हर वक्त ऊर्जा का संचार हो रहा होता है इसलिए शिवलिंग पर रोजाना जलधाराअर्पित करते रहन चाहिए
  • ज्यादा बड़ा शिवलिंग घर में नहीं रखना चाहिए। बड़ी आकृति वाले शिवलिंग केवल मंदिरों में ही ज्यादा शुभ फल प्रदान करते हैं।
  • शिवलिंग की रोज सुबह-शाम पूजा करनी चाहिए। यदि नियमित रूप से पूजा कर पाना संभव न हो तो घर में शिवलिंग नहीं रखना चाहिए।
  • शिवपुराण के अनुसार घर में एक से ज्यादा शिवलिंग नहीं रखने चाहिए।
  • घर के किसी बंद स्थान में शिवलिंग नही रखना चाहिए, इसे खुले में ही रखना चाहिए।
  • शिवलिंग पर कभी भी तुलसी, हल्दी और केतकी के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए।
  • शिवलिंग का स्थान बदलते समय उसके चरणों को स्पर्श करे तथा एक बर्तन में गंगाजल भरकर उसमें शिवलिंग को रखें। यदि शिवलिंग पत्थर का बना है तो उसका गंगाजल से अभिषेक भी करें।
  • ओरिजनल नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा विधि बहुत ही सरल है जो कोई भी आसानी से कर सकता है भोनाथ भोले भण्डारी है जो एक बेलपत्र से ही मान जाते है एसलिए आप केवल एक  लोटा  जल ओर एक बेलपत्र  तथा पुष्पों से भी पूजा की जा सकती है
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