दोस्तो नर्मदा नदी को भारत मे सबसे प्राचीन नदियों मे से एक तथा सात पवित्र नदियों मे से एक माना जाता है। यह मध्यप्रदेश और गुजरात की जीवन रेखा है परंतु इसका अधिकतर भाग मध्यप्रदेश मे ही बहता है। इस नदी के तट पर प्राचीन तीर्थ तथा नगर है। यह देश की सभी नदियों की अपेक्षा विपरीत दिशा मे बहती है। गंगा नदी की तरह पावन नर्मदा नदी से निकलने वाले पत्थर को शिवलिंग कहा गया है चूंकि यह शिवलिंग नर्मदा नदी से निकलता है
इसीलिये इसे नर्मदेश्वर भी कहा गया है। यह शिवलिंग घर मे भी स्थापित किया जाता है तथा इसकी पूजा भी की जाती है। इस शिवलिंग की पूजा शास्त्रों मे फलदायी बताई गई है। शास्त्रो मे कहा गया है कि मिट्टी या पाषाण से करोडो गुना अधिक फल स्वर्ण निर्मित शिवलिंग से मिलता है। घर मे इस शिवलिंग को स्थापित करते समय प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता नही पडती है। गृहस्थ लोगो को नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा प्रतिदिन करनी चाहिये